Saturday, April 27, 2024
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कुख्यात अपराधियों के एनकाउंटर पर भी मानवाधिकार के ठेकेदार योगी आदित्यनाथ से नाराज ?

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उत्तर प्रदेश पिछले कई सालों से अपराध के चंगुल में फंसा हुआ है | पहले अपराधियों पर कुछ एक्शन हो भी जाते थे लेकिन जब से अपराधी ही नेता बन गए हैं तब से ये गिनी चुनी कार्यवाहियां भी बंद हो गयीं | योगी आदित्यनाथ ने अपराध मुक्त प्रदेश का वादा किया था और उस पर गंभीरता से काम करते हुए भी दिख रहे हैं | जिस तरह से एक के बाद एक कई कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारियों एवं एनकाउंटर की खबरें उत्तर प्रदेश से आ रहीं हैं उनसे साफ है कि सरकार इस मामले पर गंभीरता से काम कर रही है | हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने एक बयान दिया कि अपराधी या तो जेल जायेंगे या फिर एनकाउंटर में मार दिए जायेंगे | जनता के लिए तो यह एक बहुत बड़ी खुशखबरी है क्योंकि अपराधियों की बढ़ती ताकत से नुकसान और परेशानी तो आम जनता को ही होती है | साथ ही किसी भी प्रदेश का औधोगिक विकास भी तब तक अच्छे से नहीं हो सकता जब तक कि वहां अपराधियों के हौसले पस्त न कर दिए जाएं | अपराधियों और बाहुबलियों से भरे हुए प्रदेश में कोई भी प्राइवेट कंपनी निवेश करना नहीं चाहेगी | अपराधियों के खिलाफ चल रहे इन एक्शन से प्रभावित होकर यदि बड़ी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए तैयार हो जाती हैं तो प्रदेश का विकास होगा और जनता के लिए कई तरह के नए रोजगार के साधन बनेंगे | अतः सभी को इस एक्शन की तारीफ करनी चाहिए थी | परन्तु अपराधियों के खिलाफ होने वाले इन एक्शन से हमेशा की तरह कुछ लोग फिर मानवाधिकार के नाम पर अपराधियों का बचाव करने खड़े हो गए हैं | हर बार की तरह फिर एक से बढ़कर एक तर्क दिए जा रहे हैं | मानवाधिकार आयोग ने भी योगी सरकार को एक नोटिस भेज दिए और जवाब माँगा कि क्या आप एनकाउंटर को बढ़ावा दे रहे हैं | जिस काम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार एवं पुलिस की तारीफ की जानी चाहिए थी उस पर भी विवाद हो रहा है |

क्या मानवाधिकार सिर्फ अपराधियों एवं आतंकवादियों का होता है ? हमेशा कई तथाकथित एक्टिविस्ट, संस्थाएं, नेता, राजनैतिक दल, पत्रकार कभी किसी आतकंवादी की फांसी के खिलाफ खड़े हो जाते हैं, कभी उनके एनकाउंटर पर सवाल उठाते हैं तथा उनको ऐसी सजा देने वाले जज, पुलिस अधिकारी, सरकार आदि को भी कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करते हैं | इनके पेट में ऐसा ही कुछ दर्द तब होता है जब ऐसी सजा किसी कुख्यात अपराधी को मिले | हालाँकि ऐसे अपराधी जिनका किसी खास राजनैतिक या धार्मिक विचारधारा या आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है, या फिर जिनका समर्थन करने से किसी खास पार्टी का विरोध नहीं किया जा सकता, उनके बचाव में ऐसे कई लोग कभी आवाज नहीं उठाते हैं | कुल मिलकर यह कहना गलत नहीं है कि कई कुख्यात अपराधियों एवं सभी आतंकवादियों का मानवाधिकार के नाम पर बचाव करने वाले कई लोग आज इस देश में मौजूद हैं |

क्या इस देश की जनता मानवाधिकार के दायरे में नहीं आती ? आम जनता को आतंकवादी हमलों में मारने वाले आतंकवादियों एवं आम जनता की हत्या, बलात्कार, लूट, उत्पीड़न आदि करने वाले कुख्यात अपराधियों को सजा देते समय मानवाधिकार की चर्चा करना ही गलत है | आम जनता के साथ ऐसे गंदे अपराध करने वालों का कैसा मानवाधिकार ? क्या आम जनता को न्याय का अधिकार नहीं है ? ए.सी. दफ्तरों में बैठने वाले फाइव स्टार एक्टिविस्ट एक बार कभी जनता के बीच भी जाएं और उनसे पूछें कि जो वो कर रहे हैं वो सही है या गलत और साथ ही यह भी पूछें कि जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की पुलिस कर रही है वो सही है या गलत तो उनको अपने सवाल का सटीक उत्तर जरूर मिल जायेगा | परन्तु यह लोग भोले नहीं हैं कि इनको जवाब पता नहीं हो, इनको अच्छे से पता है परन्तु फिर भी यह लोग अपना झूठा एजेंडा चलना बंद नहीं करेंगे क्योंकि उसका उद्देश्य मानवाधिकार की रक्षा नहीं बल्कि कुछ और ही है | यदि ये लोग सच में फांसी और एनकाउंटर के खिलाफ हैं तो ऐसे सभी मामलों के खिलाफ क्यों नहीं बोलते | एक आम अपराधी जिसका कि इनकी चुनिंदा राजनैतिक या धार्मिक विचारधारा से कोई मतलब नहीं है और वो ऐसे राज्य में हो जहाँ इनकी कोई खास पार्टी की सरकार हो तो फिर उसको चाहे फांसी दे दो, चाहे उसका एनकाउंटर कर दो या फिर उसे किसी तालिबानी तरीके से सजा दे दो लेकिन ये लोग एक शब्द भी नहीं बोलेंगे परन्तु यदि वो व्यक्ति इनकी चुनिंदा राजनैतिक या धार्मिक विचारधारा का है या फिर वो ऐसे राज्य में है जहाँ इनकी खास पार्टी की सरकार नहीं है तो फिर मानवाधिकार के नाम पर छाती पीटने वाले लोग भीड़ लगाकर खड़े हो जायेंगे और सरकार, पुलिस, न्यायालय आदि पर टिप्पणियां करने लगेंगे | समस्या यह है कि आजकल पत्रकारिता, एक्टिविस्ट, समाजसेवी संगठन आदि कुछ भी पूरी तरह से गैर-राजनैतिक एवं निष्पक्ष नहीं रह गया है, इनमें एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जो कि हमेशा किसी न किसी राजनैतिक दल को फायदा एवं किसी अन्य को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से काम करता है | बाकी का काम विदेशी फण्ड का लालच और नशा कर देता है | उसी का नतीजा ऐसा बिना मतलब के मुद्दों पर होने वाले विवाद हैं | ऐसे स्वार्थी लोगों को आम जनता एवं देश से कोई लेना देना नहीं है, इन्हें बस अपनी फंडिंग की चिंता है और अपने मालिकों की गुलामी का शौक |

खैर उम्मीद है कि जनता आँखें खोलकर यह सब खेल देख रही है और आने वाले समय में ऐसे लोगों को अपने वोट के माध्यम से जवाब जरूर देगी | आतंकवादियों एवं कुख्यात अपराधियों के खिलाफ लिए जा रहे किसी एक्शन के खिलाफ चलाये जाने वाले किसी भी आंदोलन का हिस्सा न बनें, ऐसे लोगों की गन्दी राजनीति का शिकार न बनें | आप किस राजनैतिक पार्टी के समर्थक हैं उस से कोई फर्क नहीं पड़ता, आपका हित इसी में है कि ऐसे कुख्यात अपराधी एवं आतंकवादियों का सफाया जल्द से जल्द हो जाये | सत्य के साथ रहें, देश के साथ रहें |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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