Wednesday, May 8, 2024
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अलगाववादियों की सरकारी सुविधाएं बंद करेगी सरकार, अब जनता इनके संरक्षक नेताओ की ताकत ख़त्म करे

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इस देश में अच्छे कानून एवं संवैधानिक नियमों तथा अधिकारों का सदुपयोग के साथ साथ अत्यधिक दुरूपयोग भी शुरू हो जाता है | कई बड़े अपराधों को रोकने के लिए लिए बनाये गए सख्त कानूनों का कभी आपसी दुश्मनी निकालने के लिए, कभी राजनैतिक चालों के लिए, कभी ब्लैकमेल करने के लिए तो कभी किसी की छवि ख़राब करने के लिए उपयोग किया गया | इसी तरह हमारे देश में दो बहुत ही विवादित विषय हैं “अभिव्यक्ति की आज़ादी” और “मानवाधिकार” | “अभिव्यक्ति की आज़ादी” एवं “मानवाधिकार” का हवाला देकर हमारे कई नेता, राजनैतिक दल, पत्रकार, बुद्दिजीवी, एक्टिविस्ट, NGO, तथाकथित समाज सुधारक आदि लोग लगभग हर एक आतंकवादी तथा देशद्रोही को फांसी की सजा देने का या फिर उनके खिलाफ कोई सख्त कदम उठाये जाने का विरोध करते रहते हैं | हाँ, यदि व्यक्ति आतंकवादी या देशद्रोही नहीं है और यदि इनके वोटबैंक का हिस्सा भी नहीं है तो फिर इनकी नज़र में न तो उसे “अभिव्यक्ति की आज़ादी” है और न उसके कोई “मानवाधिकार” हैं |

कुछ इसी तरह ऐसे लोगों ने कश्मीर में शुरू हुए पाकिस्तान समर्थित अलगाववाद को अघोषित समर्थन दिया | इन अलगाववादियों को वी वी आई पी सुविधाएं देना, इज़्ज़त देना, उनको खुले आम कहीं भी भारत विरोधी नारेबाजी एवं भाषण देने की आज़ादी देना, कश्मीरी मुस्लिम युवाओं को अपने ही देश के खिलाफ भड़का कर आतंकवाद की ओर मोड़ने देना आदि ऐसे कई काम हैं जो कि पिछली सरकारों ने करे और इन कामों में सरकार को इसी तरह की सोच वाले पत्रकारों एवं बुद्धिजीवियों का भी समर्थन मिलता रहा और इन लोगों ने अपने न्यूज़ चैनल, न्यूज़ पेपर, जन संपर्क आदि माध्यमों से अलगाववादी नेताओं की सोच को जनता के बड़े हिस्से तक पहुँचाने का काम भी किया | यूट्यूब पर ऐसी कई विडियो हैं जिनमें आपको ऐसे कई बुद्दिजीवी इस तरह की बातें करते नजर आ जायेंगे कि भारत ने कश्मीर पर कब्ज़ा किया हुआ है, कश्मीर में जनमत होना चाहिए कि वो भारत में रहना चाहता है या नहीं, कश्मीर से सेना हटा दी जानी चाहिए, पैलेट गन का उपयोग नहीं होना चाहिए, सरकार को अलगाववादियों से बात करनी चाहिए आदि आदि | इनको सुनकर आपको लगेगा ही नहीं कि ये लोग भारत के हैं | खैर ऐसे लोगों को होने वाली तमाम विदेशी फंडिंग की मोदी सरकार अच्छे से जांच कर रही है और कई लोगों पर तो बाकायदा कार्रवाही भी शुरू हो चुकी है |

वर्तमान केंद्र सरकार राष्ट्रवादियों की है और इस सरकार से इन अलगाववादियों एवं भारत विरोधी देशद्रोही शक्तियों को किसी भी तरह का वी वी आई पी ट्रीटमेंट नहीं मिलने वाला | अब मोदी सरकार अलगाववादियों को मिलने वाली सारी सरकारी सुविधाएं बंद करने वाली है | कश्मीर में भारत विरोधी देशद्रोही ताकतों एवं आतंकवादियों के साथ क्या किया जा रहा है उस बारे में आपको जानकारी है ही | आगे भी ऐसे लोगों पर मोदी सरकार सख्त कार्रवाही करती रहेगी इस बात में कोई संदेह नहीं है | इसलिए सरकार के इस काम को हम सरकार पर ही छोड़ दें क्योंकि वो यह काम बहुत अच्छे से कर रहे हैं |

अब यहाँ बात यह है कि जनता अपना काम भी करे | अलगाववादियों एवं देशद्रोहियों पर सरकार एक्शन ले रही है और अब इन अलगाववादियों एवं देशद्रोहियों के समर्थक नेताओं, पत्रकारों एवं बुद्दिजीवियों पर जनता को एक्शन लेना चाहिए | ऐसे नेताओं को वोट देना बंद कर दें और साथ ही ऐसे पत्रकारों के न्यूज़ चैनेल, पेपर का भी बहिस्कार करें | ऐसे न्यूज़ चैनल और पेपर जब लोग देखना, सुनना, पढ़ना बंद कर देंगे तो ऐसे बुद्दिजीवियों की भी दुकान अपने आप बंद हो जाएगी क्योंकि राष्ट्रवादी न्यूज़ एजेंसियां इनको वैसे भी नहीं बुलाती | जिस तरह के हालात बन रहे हैं उनमें कोई बड़ी बात नहीं होगी कि आने वाले समय में जल्द ही भारत पाकिस्तान का एक निर्णायक युद्ध हो जाए | ऐसे युद्ध की स्थिति में अलगाववादियों के शुभचिंतक नेता, पत्रकार, बुद्धिजीवी आदि सभी केंद्र सरकार का विरोध ही करेंगे और इनके खिलाफ सभी राष्ट्रवादियों को संगठित होना ही होगा | ध्यान रखें कि देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार और सेना की नहीं है बल्कि देश की जनता की भी जिम्मेदारी है और देश तभी सुरक्षित और मजबूत बनेगा जब कि सरकार, सेना और जनता मिलकर देश को संभाले |K

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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