Thursday, May 9, 2024
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हिन्दू सच में असहिष्णु होता तो देश में असहिष्णुता का मुद्दा उठाने की किसी में हिम्मत होती ?

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अवार्ड वापसी, असहिष्णुता, फिल्म स्टारों की पत्नियों को भारत असुरक्षित लगने लगना, अचानक से कई लोगों को गौ-मांस खाने की तलब लगने लगना, बीफ पार्टी करना, Not in My Name आदि जैसे कई अभियान हैं जो इस देश की सेक्युलर जमात पिछले कुछ समय से मोदी सरकार और देश के हिन्दुओं के खिलाफ चलाये हुए हैं | यह सब उस देश में हो रहा है जहाँ हिन्दू जनसँख्या आज भी अन्य धर्मों से कहीं ज्यादा है |

सबसे पहले इस्लामिक मुल्कों की बात करते हैं | क्या किसी इस्लामिक देश में किसी को इस्लाम या मुसलमानों के खिलाफ बोलने की आजादी है ? क्या किसी गैर-मुस्लिम में वहाँ इतनी हिम्मत है कि खुद पर होने वाले जुल्मों का खुले आम विरोध कर सके ? क्या किसी में इतनी हिम्मत है कि इन देशों में इस तरह के कोई अभियान चला पाएं जैसे कि आजकल भारत में हिन्दुओं के खिलाफ चल रहे हैं ? नहीं | हालाँकि ज्यादातर बड़े ईसाई राष्ट्रों में धर्म के प्रति इस्लामिक राष्ट्रों जैसे कट्टर कानून लेकिन वहाँ भी कोई ईसाई धर्म के खिलाफ न तो बोल सकता है और न ही कोई अभियान चला सकता है |

लेकिन भारत में हिन्दुओं और हिन्दू धर्म को गाली देने की खुली छूट है | कोई रोक टोक नहीं है | यदि किसी हिन्दू संगठन ने इसका विरोध किया भी तो उसको भी बिना किसी डर के सांप्रदायिक बोल दिया जाता है | शायद भारत में हिन्दुओं से ज्यादा हिम्मत और ताकत के साथ तो मुसलमान रहते हैं क्योंकि उनको पता है कि वो कुछ गलत भी कर दें तो भी उनका बचाव करने कई राजनैतिक दल, न्यूज़ एजेंसियां तथा अन्य तथाकथित सेक्युलर संगठन पहुँच जाएंगे | लेकिन यदि हिन्दू-मुसलमान के झगडे में अगर हिन्दू बेक़सूर है तब भी तथाकथित सेक्युलर संगठनों द्वारा हिन्दू को ही जिम्मेदार बताया जाता है और सांप्रदायिक होने का आरोप लगा दिया जाता है | जब भी कोई आतंकी घटना होती है तो तथाकथित सेक्युलर यही कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता लेकिन हिन्दू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों का भी यही लोग प्रयोग करते हैं |

हिन्दू अगर सच में असहिष्णु होता और भारत में हिन्दू धर्म के लिए हिन्दुओं में वही कट्टरता होती जैसी कि इस्लामिक देशों में मुसलमानों में है तो क्या भारत में किसी की भी हिन्दुओं को और हिन्दू धर्म को गाली देने की हिम्मत होती ? यह बात ये सेक्युलर लोग अच्छे से जानते हैं कि हिन्दू असहिष्णु नहीं है और यही इनके निडर रहने का कारण है | मैं यह तो नहीं कहूंगा कि हिन्दू असहिष्णु हो जाए और हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ कोई हिंसक हमले शुरू कर दे लेकिन यह जरूर कहूंगा कि हिन्दुओं को अब वोट डालते समय पूरी तरह से असहिष्णु होना चाहिए | मतलब कि जो राजनैतिक दल हिन्दुओं को गाली दे या फिर हिन्दुओं को गाली देने वालों का समर्थन करे उनको वोट मत दो | बहुसंख्यक हिन्दू अगर ऐसे राजनैतिक दलों के खिलाफ हो जाये तो इनकी ताकत ही ख़तम हो जाएगी और यदि ऐसा हो गया तो इस देश में किसी राजनैतिक दल की दुबारा इतनी हिम्मत नहीं होगी कि वो हिन्दू धर्म का अपमान करे | ये लोग हिन्दुओं के जातियों में बंटे होने का लाभ उठाते हैं | मैं सभी हिन्दुओं से यही कहूंगा कि एक होकर रहे और हिन्दू धर्म का अपमान करने वाले नेताओं को चुनाव में हराकर मुंहतोड़ जवाब दें |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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