Friday, April 26, 2024
HomePoliticsआखिर कौन और क्यों कर रहा है पंजाब में खालिस्तान का मुद्दा...

आखिर कौन और क्यों कर रहा है पंजाब में खालिस्तान का मुद्दा फिर से जिन्दा ?

- Advertisement -

पिछले कुछ दिनों से मैं फेसबुक पर देख रहा हूँ कि कई लोग अचानक से भिंडरवाला को संत साबित करने पर तुले हुए हैं और साथ ही खालिस्तान जिंदाबाद आदि नारे लगा रहे हैं | ऐसा ही एक फेसबुक पेज भी था “खालिस्तान जिंदाबाद” नाम से जिसे मैंने फेसबुक पर रिपोर्ट किया था और फेसबुक से उस पेज को डिलीट कर दिया | मैं इस के लिए फेसबुक को धन्यवाद देता हूँ | देखिये मुझे क्या जवाब मिला था इस बारे में फेसबुक से –

khalistan
ज्यादातर आई डी जो ये सब कर रहीं हैं वो सब फेक हैं  | आप एक आई डी बंद कराएँगे वो नयी बना लेंगे | लेकिन फिर भी हमें हार नहीं माननी है | जब भी कोई पेज या आई डी भारत विरोधी बातें करे उसे तुरंत रिपोर्ट कीजिये और अपने मित्रों से भी ऐसा करने के लिए कहिये ताकि जल्दी से वह पेज और आई डी डिलीट हो सके |

अब मैं एक सज्जन के बारे में आपको कुछ बताता हूँ | ये आजकल खालिस्तान और भिंडरवाला के बहुत बड़े समर्थक बन चुके हैं | आएदिन ऐसी खालिस्तान समर्थक पोस्ट्स लाइक करते हैं | मैंने टोका तो मुझे कोई जवाब नहीं दिया तो फिर मैंने उनको अपनी फ्रेंडलिस्ट से हटा दिया | अब बात इनकी शिक्षा की करें तो आपको बता दूँ इन्होने इंजीनियरिंग की हुई है, मतलब कि अच्छे से शिक्षा प्राप्त की है | इसके बाद भी ऐसी मूर्खता क्यों ? अब यहाँ एक खास बात आपको बता दूँ कि ये आम आदमी पार्टी के बहुत बड़े समर्थक हैं एवं भाजपा के बहुत बड़े विरोधी | देखिये ऐसे ही लोगों द्वारा शेयर की गयी एक पोस्ट –

khalistan-post
पिछले कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं पर आरोप लगे हैं कि ये लोग वोट बैंक के लिए पंजाब में जानबूझकर खालिस्तान का मुद्दा वापस जिन्दा कर रहे हैं | अब इन आरोपों में कितनी सच्चाई है ये तो आने वाला समय ही बताएगा | खैर इस पार्टी ने बटला हाउस एनकाउंटर का विरोध एवं जे एन यू में हुई देश विरोधी नारेबाजी के आरोपियों का समर्थन करके यह बात पहले भी साबित की है कि ये वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं | अब यदि आने वाले समय में ये लोग खुलकर खालिस्तान के समर्थन में भी खड़े हो जाएं तो कोई बड़ी बात नहीं होगी |

खालिस्तान के मुद्दे को फिर से जिन्दा करने की कोशिश कर रहे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाही होनी चाहिए | हाँ, ये भी सच है कि जैसे ही केंद्र सरकार कार्रवाही शुरू करेगी तुरंत ही विपक्ष एवं बिकाऊ मीडिया इसे भी अभियक्ति की आज़ादी का मर्डर साबित करने में जुट जाएंगे, हो सकता है कुछ और अवार्ड वापस हो जाएं | लेकिन जो भी हो, अब समय आ गया है कि इस मुद्दे को पर जरा गम्भीरता से विचार किया जाये और सही समय पर उचित कार्रवाही की जाये | कुछ लोगों की गैर-जिम्मेदाराना राजनीति के चक्कर में कहीं ये मुद्दा फिर से ज़िंदा न हो जाये |

- Advertisement -
Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular