Friday, March 29, 2024
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माता कौशल्या और माता कैकेई के नाम पर बोलने से पहले सिध्धू को यह इतिहास याद रखना चाहिए

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नवजोत सिंह सिध्धू ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते ही अपने अंदाज में कांग्रेस की तारीफें और भाजपा – अकालीदल पर कमेंट शुरू किये | उन्होंने कांग्रेस को माता कौशल्या, भाजपा को सौतेली माँ कैकेई और अकाली दल को मंथरा कहा | सामान्य भाषा में समझें तो कांग्रेस सिध्धू की असली माँ है जिसे छोड़कर वो भाजपा में आये थे | ये वही कांग्रेस है जिसने पंजाब में सिखों के संगठन अकाली दल को नेस्त नाबूत करने के लिए भिंडरवाला को पैदा किया जिसके जरिये अलग खालिस्तान बनाकर देश का बंटवारा कराने के लिए आतंकवाद का सहारा लिया | अकाल तख्त सहित देश के तमाम गुरुद्वारों में तोड़फोड़ हुई, दंगों में हजारों सिख मारे गए व लूटे गए | नेहरू गाँधी परिवार ने परिवारवाद, व्यक्तिवादी राजनीति, भ्रष्टाचार व घोटालों की राजनीति को बढ़ावा दिया | ये सिध्धू जी की असली माँ है जिसको उन्होंने कौशल्या कहा है | इसी माँ के खिलाफ वे वर्षों से बोलते आये | लेकिन सिध्धू जी माता कौशल्या जी ऐसी नहीं थीं | कांग्रेस को माता कौशल्या एवं प्रभु श्री राम दोनों का अपमान किया |

जहाँ तक माता कैकेई का प्रश्न है तो कैकेई इतिहास की महानतम महिलाओं में से एक हैं | समुद्र मंथन में निकली अच्छी चीजों को प्राप्त करने के लिए सुर – असुर सभी आतुर थे परंतु हलाहल विष केवल भगवान शिव ने ही पीकर पूरे भ्रह्मांड की रक्षा की | इसी तरह रावण सहित असंख्य असुरों को समाप्त कर उन्हें मुक्ति प्रदान करने के लिए भगवान विष्णु मनुज अवतार लेकर श्री राम के रूप में अवतरित हुए | जिसके लिए उन्हें वन गमन करना आवश्यक था | अयोध्या में रहकर वह अपना कार्य पूरा नहीं कर सकते थे | महाराज दशरथ के रहते हुए न तो उनका वनगमन संभव था और न ही राम – रावण युद्ध | अर्थात महाराज दशरथ का देह त्याग आवश्यक था | राम वनवास की अंतर्कथा में मैंने लिखा था कि ऋषि विश्वामित्र की योजना के अनुसार मंथरा ने कैकेई को दो वरदान मांगने के लिए कहा था | स्वयं प्रभु राम ने भी माता कैकेई से एकांत में मिलकर मंथरा के प्रस्ताव को स्वीकार करने का अनुरोध किया था जिसे कैकेई ने यह कहकर अस्वीकार कर दिया था कि महाराज तुम्हारे बिना जीवित नहीं रह पाएंगे और मुझे कलंकित जीवन बिताना पड़ेगा | इसके बाद देवताओं ने माता सरस्वती की सहायता ली थी | पृथ्वी लोक से असुरों का आतंक समाप्त करने के लिए माता कैकेई ने अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा कलंक अपने सर लिया और अपमान व उत्पीड़न भी झेला | प्रभु श्री राम इसी कारण वनवास के बाद भी सबसे अधिक माता कैकेई को ही सम्मान देते रहे | सिध्धू जी आप क्या समझें माता कैकेई जैसा त्यागी व बलिदानी बनना कठिन ही नहीं बल्कि असंभव है |

आपने अपनी स्वार्थ परता की घटिया राजनीति में माता कौशल्या व माता कैकेई को घसीटकर बहुत ही निम्न कोटि का आचरण किया और साबित कर दिया कि आपकी रगों में कांग्रेसी खून है | जिसने प्रधानमंत्री पद पाने के लिए सन १९४७ में भारत विभाजन कराया, सत्ता की खातिर देश के कोने कोने में दंगे कराये, पंजाब जलाया, पूर्वोत्तर, बंगाल व कश्मीर को लाइलाज कर दिया, परिवार वाद, भ्रष्टाचार, घोटालों का रिकॉर्ड बनाया | इसी पार्टी की सरकार ने भगवान राम, रामायण और राम-सेतु को मिथक बताया था | सिध्धू जी ऐसी है आपकी माँ, इसे दुबारा कौशल्या मत कहना |

(फोटो साभार – Boloji.com, Dainik Bhaskar, भारतकोश)

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Om Prakash Shrivastava
Om Prakash Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
M.A., L.L.B., Advocate, Notary Public Lalitpur (U.P.). He has interest in social service since his student life. He was active in student politics. He was arrested and sent to Jail for 1 month and 10 days for giving a speech in Lucknow University against the cancellation of recognition of Students Unions in India. He was president of Student Union of Bundelkhand College Jhansi (U.P.). He was in jail for 21 days for his participation in J.P. movement before emergency. He leaded a student group for a protest against emergency in India and was in jail for 5 months and 21 days in D.I.R. in Jhansi (U.P.) for this. That’s why U.P. Government has declared him ‘Loktantra Senani’. He is a National Executive Member of 'Loktantra Rakshak Senani Mahasangh'. He is Convener of ‘Lok Jagrati Manch’ and ‘Sarthakchintan.com’. He is an active member of BJP. His many articles have been published in different newspapers.
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