Friday, April 26, 2024
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समाजवादी पार्टी की कबड्डी

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उत्तर प्रदेश सरकार एवं समाजवादी पार्टी का बड़ा नाटक और उठापटक पूरी तरह से कबड्डी के खेल की तरह रहा जिसमें एक खिलाड़ी दूसरे के पाले में जाकर खिलाड़ियों को मारने का प्रयास करता है वहीँ उस पाले के खिलाड़ी उसे पकड़ कर मारने का प्रयास करते हैं | एक पाले का खिलाड़ी मरता है तो दूसरे पाले का खिलाड़ी जीवित होकर पुनः खेलने लगता है |

दरअसल समाजवादी पार्टी में समाजवादी शब्द एक छलावा है | जाति के समूह को भी उत्तर प्रदेश में समाज कहा जाता है | मुलायम सिंह की पार्टी भी इसी प्रकार के समाज की समाजवादी पार्टी है | और समाज के वोट बैंक को जोड़ने के लिए अलगाववादी, आतंकवादी, पाकिस्तान परास्त समूह को देशहितों की कीमत पर प्रसन्न करने के कार्य करते हैं | आजम खां जैसे व्यक्तियों को अधिक महत्व और उच्च स्थान इसी कारण मिलता रहता है | इस पार्टी की कोई विचारधारा तो है नहीं केवल सत्ता प्राप्ति के लिए डॉ. लोहिया के नाम का सहारा लिया जाता है | सत्ता का भरपूर दोहन करना ही एक मात्र उद्देश्य रहता है जिसमें कई कार्यक्रम सम्मलित हैं जैसे विकास निधि में लूटपाट, सरकारी व निर्बल वर्ग की संपत्तियों पर कब्जा, अवैध खनन, अवैध धंधे, ट्रांसफर – पोस्टिंग उद्योग, बाहुबल व सत्ताबल के द्वारा अनेकानेक पद प्राप्त करना, नौकरियों में नियुक्तियों में भारी रिश्वतखोरी व फर्जीवाड़ा इत्यादि | इसमें किसका कितना हिस्सा होगा इसकी लड़ाई मुलायम सिंह के कुनबे में प्रारम्भ हो चुकी है | इसी का परिणाम था कि अखिलेश यादव ने शिवपाल और उनके साथी मंत्रियों के खिलाफ जंग छेड़ी परंतु अखिलेश का डाव उल्टा पड़ गया | जब अखिलेश राजनीति में नहीं आये थे तब शिवपाल सिंह ही सत्ता दोहन और लूटपाट के सी. ई. ओ. थे एवं रामगोपाल रणनीति के क्षेत्र तथा मार्केटिंग के कार्य में सहयोगी थे | जब से मुलायम सिंह ने अपनी विरासत अखिलेश को सौंपी तो धीरे धीरे अखिलेश सभी क्षेत्रों में दूसरे पायदान पर आ गए | देश में आज भी जनमानस में राजतंत्र की मानसिकता है इसीकारण रामगोपाल यादव ने परिस्थितियों से समझौता करके अखिलेश को भावी सम्राट मान लिया | परंतु पहले मुलायम सिंह की अधिक व्यस्तता तथा सगे भाई होने के स्वाभाविक रूप से शिवपाल ही दूसरे पायदान पर रहे और सत्तादोहन का अधिकाधिक अवसर पाते रहे | अखिलेश यादव अकेले नहीं हैं उनकी पत्नी व भाई भी सक्रिय हैं, रामगोपाल व उनके सगे भाई का कुनबा भी भावी सम्राट के साथ खड़ा है | इसमें शिवपाल को भविष्य में अपना व अपने कुनबे का पतन दिखाई दे रहा है | वर्तमान तीसरा स्थान स्थान भी जाने का डर सता रहा है जो सच भी साबित हुआ क्योंकि अखिलेश ने उन पर पूरी शक्ति के साथ आक्रमण करके समूचे जनमानस को सन्देश दिया कि शिवपाल की हैसियत अब तीसरे पायदान की भी नहीं रही | लेकिन लंबे समय तक दूसरे स्थान पर बैठकर शिवपाल ने अपने समाज और पार्टी में कुछ तो पकड़ बना रखी थी उसी के सहारे अखिलेश को चुनौती दे डाली | चूंकि विधानसभा चुनाव सामने है इस कारण मुलायम सिंह ने जोखिम लेना उचित नहीं समझा और शिवपाल को पार्टी व सत्ता का भाग बनाये रखने के उद्देश्य से पूर्व की स्थिति बहाल कर दी |

इस पूरे घटनाक्रम में एक बात पूरी तरह से स्पष्ट हो गयी कि मुलायम सिंह अपने जीवन के अंतिम चरण को देखते हुए अपने सामने ही पुत्र अखिलेश को निष्कंटक रूप से सम्राट बनाकर प्रथम पायदान पर बैठाने के लिए बड़े ही सधे कदमों से कार्य योजना चला रहे हैं | मुलायम सिंह की इक्षा व सहमति के बिना अखिलेश इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकते थे | लेकिन अखिलेश गरम गरम खाने के चक्कर में अपना मुंह जला बैठे | मुलायम सिंह ने इस उलटे पड़े हुए दाव का डैमेज कण्ट्रोल अभी अवश्य कर लिया परंतु इतना निश्चित है कि भविष्य में बड़ा विस्फोट होगा |

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Om Prakash Shrivastava
Om Prakash Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
M.A., L.L.B., Advocate, Notary Public Lalitpur (U.P.). He has interest in social service since his student life. He was active in student politics. He was arrested and sent to Jail for 1 month and 10 days for giving a speech in Lucknow University against the cancellation of recognition of Students Unions in India. He was president of Student Union of Bundelkhand College Jhansi (U.P.). He was in jail for 21 days for his participation in J.P. movement before emergency. He leaded a student group for a protest against emergency in India and was in jail for 5 months and 21 days in D.I.R. in Jhansi (U.P.) for this. That’s why U.P. Government has declared him ‘Loktantra Senani’. He is a National Executive Member of 'Loktantra Rakshak Senani Mahasangh'. He is Convener of ‘Lok Jagrati Manch’ and ‘Sarthakchintan.com’. He is an active member of BJP. His many articles have been published in different newspapers.
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