Saturday, April 20, 2024
HomeSocialसमाज को आत्मचिंतन के लिए मजबूर करके चले गए हरीश नंजप्पा

समाज को आत्मचिंतन के लिए मजबूर करके चले गए हरीश नंजप्पा

- Advertisement -

जे एन यू मुद्दे की गर्मागर्मी में एक जरूरी और आत्मचिंतन को मजबूर करने वाली खबर कहीं दब के रह गयी | ये फोटो स्वर्गीय हरीश नंजप्पा जी की है | इसी सप्ताह में इन की एक सड़क दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गयी | एक ट्रक के नीचे आ जाने की वजह से इन के शरीर के दो टुकड़े हो गए थे |

ये तो नहीं पता कि इस तरह से शरीर के कट जाने के बाद इनको बचाया जा सकता था या नहीं लेकिन घटना का दुखद पहलु ये है कि वहां खड़े लोगों ने सिर्फ इस का वीडियो बनाने में रूचि दिखाई और स्वर्गीय हरीश जी को समय से मदद नहीं मिल सकी | लेकिन इतने स्वार्थी समाज को भी ये पुण्यात्मा जाते जाते एक सबक दे गए | हरीश जी इस दुर्घटना के बाद जितनी देर जीवित रहे, यही कहते रहे कि यदि संभव हो तो मेरे शरीर के जो भी अंग किसी जरूरतमंद को दान दिए जा सकते हों दे दीजिये |

इन की मौत एक बड़ा सवाल छोड़ गयी | क्या हम इतने पत्थर हो गए हैं कि आज किसी भी जरूरतमंद को मदद नहीं दे सकते ? हम ये क्यों नहीं सोचते कि जहाँ आज कोई और है वहां कल हम भी हो सकते हैं ? हो सकता है कल हमें भी इसी तरह लोगों की मदद कि जरुरत पड़े | क्या होगा अगर उस समय वहां खड़ा हर एक इंसान भी हमारे जैसा ही निकला और सिर्फ वीडियो बना के चला गया ? हर दुर्घटना के लिए सिर्फ सरकार या पुलिस व्यवस्था को गाली दे देने से क्या हमारी जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी ? क्या सिर्फ दुर्घटना/अपराध हो जाने के बाद एक मोमबत्ती मार्च निकाल देना और सरकार को गाली देना की हमारी जिम्मेदारी है ?

सिर्फ बात दुर्घटना में घायल हुए लोगों की मदद की नहीं है | आज कुछ गिने चुने लोग बिना किसी डर के दिनदहाड़े महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर देते हैं | वो ऐसा कर लेते हैं क्योंकि उन को पता है कि उस महिला की मदद के लिए कोई आगे नहीं आएगा | हम क्यों ऐसे गलत काम सामने होते देख कर अपनी आँखें बंद कर लेते हैं ?

मेरी व्यक्तिगत राय में तो में ऐसे सभी लोगों से हाथ जोड़ कर यही कह सकता हूँ कि इस देश को आपके कायराना मोमबत्ती मार्च की जरुरत नहीं है | ये वीरभूमि है, यहाँ कई वीर और वीरांगनाएँ पैदा हुई हैं | इस देश में सम्मान उसी का होगा जो कि गलत काम सामने होते देख उस का विरोध करे | सिर्फ वीडियो बना कर सोशल साइट्स पर क्रन्तिकारी पोस्ट्स करने से आप शर्मिंदा न होते हों लेकिन ये देश शर्मिंदा होता है |

कृपया जरूरतमंद लोगों की मदद करें | अगर इस समाज का हर एक व्यक्ति जागरूक हो जाये और एक दूसरे की मदद करने लगे तो एक बहुत बड़ी संख्या में दिनदहाड़े होने वाले अपराध और ऐसे दुखद हादसे में होने वाली मृत्यु रोकी जा सकती हैं | जागरूक बनें, इंसान बनें, भारतीय बनें | अगर हम ऐसे ही पत्थर बने रहे तो कहीं ऐसा न हो कि सोशल साइट्स पर ऐसे ही कोई कभी आपकी वीडियो शेयर करे और बोले कि अगर इनको समय पर मदद मिल जाती तो इनके साथ होने वाला ये अपराध रोक जा सकता था |

- Advertisement -
Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular