Thursday, April 25, 2024
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ढोंगियों के नाम का उपयोग कर सच्चे साधू संतों और हिन्दू धर्म का अपमान मूर्खता और साजिश

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इस देश में कई ऐसे महान साधू संत हुए हैं जिनके नाम इतिहास में सदा के लिए अमर हो गए | आज भी इस देश में कई सच्चे साधू सन्यासी मौजूद हैं परन्तु दुर्भाग्यवश यह भी सत्य है कि कई ढोंगी लोग भी स्वघोषित साधू संत बनकर जनता के कुछ भोलेपन और कुछ मूर्खता का फायदा उठाकर धर्म का व्यापार सजाये बैठे हैं | लेकिन यहाँ जनता को अपनी बुद्धि का उपयोग करना होगा यह समझने के लिए कि कौन सा साधू सच्चा है और कौन ढोंगी है | पिछले कुछ सालों में कई ढोंगी तथाकथित संतों की पोल खुली और यदि उनका जीवन देखें तो कोई भी समझदार व्यक्ति समझ सकता है कि उनके जीवन में सन्यास या धर्म जैसा तो कुछ कभी था ही नहीं | बड़े बड़े आश्रम, शाही ठाट बाट, कमाई के नए नए जुगाड़, पैसे लेकर वी. वी. आई. पी. दर्शन, धर्म की जगह अधर्म का पाठ आदि इन सभी जगह होता था और कई सालों से हो रहा था | सिर्फ बड़े बड़े आश्रम बनाकर भगवान का नाम लेने से तो कोई साधू नहीं बन जाता | इस देश में जितने भी महान साधू संत हुए उनके जीवन के बारे में आप पढ़ें तो आपको कहीं भी कोई धन वैभव का लालच, आडम्बर, मूर्ख बनाकर पैसे ऐंठने जैसे पाखण्ड नहीं दिखाई देंगे |

जीवन में एक अच्छे धर्म गुरु की बहुत आवश्यकत होती है परन्तु इस घोर कलयुग में आपको अब किसी को धर्म गुरु बनाने के पहले धर्म का कुछ बुनियादी ज्ञान होना जरुरी है ताकि आप सच्चे साधू संत और ढोंगियों में अंतर कर पाएं | हिन्दू धर्म यदि समझना चाहते हैं तो सबसे पहले हिन्दू धर्म ग्रन्थ स्वयं पढ़िए | उचित यही है कि उनको उनकी मूल भाषा में ही पढ़ें परन्तु यदि आपको वो समझ नहीं आती तो सिर्फ जाने माने अच्छे प्रकाशन के ही अनुवाद पढ़िए क्योंकि धर्म ग्रंथों में लिखीं बातों को अपनी सुविधानुसार तोड़ मरोड़कर बताने वाले कई लेखक एवं प्रकाशक सक्रिय हैं | परन्तु समस्या यह है कि जनता स्वयं कभी अपने धर्म ग्रन्थ पढ़कर इन की बातों को समझने और जानने की कोशिश करने के लिए तो समय नहीं निकालती है और धर्म के तथाकथित ठेकेदार जो भी कह दें उसे सच मानकर जीना शुरू कर देती है | यदि आप अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा व्यस्त हैं तो कम से कम जीवन में गीता तो एक बार पढ़ ही सकते हैं, गीता में लिखी बातों को ही समझ लिया तो आपका जीवन सफल हो जायेगा | लेकिन उसके लिए भी कई लोग समय नहीं निकालते हैं |

मेरी उम्र अभी इतनी तो नहीं है कि कहने लगूँ कि मैंने दुनिया देखी है परन्तु इतने ही जीवन में मुझे कुछ महान साधू संतों से मिलने का मौका मिला | ऐसे कई महान साधू संत हुए जिन्होंने ने निष्कलंक अपना जीवन भक्ति में ही जिया और स्वर्ग सिधारे | उदाहरण देने बैठूं तो पिछले ५०-१०० सालों के कई ऐसे नाम लिख सकता हूँ लेकिन उन सभी संतों का जीवन ऐसी महान भक्ति कथाओं से भरा हुआ है कि हर एक पर अलग अलग लम्बा लेख लिखा जा सकता है | अतः अभी तो इस विषय को यहीं छोड़ता हूँ |

अभी पिछले १-२ सालों में प्रमाणित ढोंगी बाबा की लिस्ट में कुछ नए नाम शामिल हुए | देश की सेक्युलर जमात को तो कोई न कोई बहाना चाहिये ही होता है कि वो हिन्दू धर्म के सभी साधू संतों, हिन्दू धर्म एवं हिन्दुओं को गालियां दे सकें और उनका अपमान कर सकें | वही हुआ, राम रहीम को सजा होते ही कई ऐसे भद्दे मैसेज चुटकुलों के नाम पर व्हाट्सप्प, फेसबुक, ट्विटर आदि पर शेयर किये जाने लगे जिनमें सभी साधू संतों और पूरे धर्म को ही फर्जी बता दिया गया और मजाक उड़ाया गया | कई हिन्दू साथी इस साजिश को समझ ही नहीं पाए और यह दिखाने के चक्कर में कि भाई हम तो ढोंगियों के चक्कर में नहीं पड़ते, वो भी उन मैसेज को शेयर करने लगे | आज बच्चे, जवान, वृद्ध सभी इंटरनेट चला रहे हैं और सोशल साइट्स पर हैं | अब सोचिये यह सब मैसेज जब नयी उम्र के बच्चे देखते हैं तो हिन्दू धर्म की क्या छवि बनती होगी उनके मन में और कितना आसान होगा भविष्य में उनको दूसरे धर्मों में धर्मान्तरण करवाना | सत्य शेयर करने में कुछ गलत नहीं है, लोगों को ढोंगियों से दूर रखने और ढोंगियों की पोल खोलने के लिए कुछ शेयर करना है तो जरूर कीजिये | लेकिन खुद को जानबुझक्कड़ साबित करने के चक्कर में वो सब झूट शेयर न करें जिस से सच्चे साधू संतों एवं धर्म का अपमान हो | धर्मान्तरण का व्यापार सजाये कई संस्थाएं तैयार बैठीं हुईं हैं, अनजाने में उनकी साजिशों का हिस्सा न बनें |

यदि आप सच में जागरूक हैं तो ऐसे ढोंगी बाबाओं के चक्कर में न पड़ें और उनसे दूर रहे | अंधभक्ति आपको मूर्ख ही बनाती है | धर्म को पहचानें, अपने धर्म ग्रंथों में लिखी बातों को समझें और फिर फैसला लें और ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी करें | सिर्फ एक होड़ से प्रभावित होकर अनजाने में पूरे धर्म का ही अपमान करने में जुट जाना वैसी ही मूर्खता है जैसी कि इन ढोंगी बाबाओं के अंधभक्त करते हैं |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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