Thursday, March 28, 2024
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रमजान में आतंकियों से संघर्ष विराम का फैसला गलत

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जो आतंकी आज तक अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी यात्रा एवं किसी भी अन्य धार्मिक यात्रा, त्यौहार, धर्मस्थल इत्यादि पर अपनी आतंकी हमले करने से नहीं चूके उनके साथ रमजान में संघर्ष विराम का फैसला गलत ही नहीं शर्मनाक भी है | और फिर जिन आतंकवादियों का धर्म आज तक हमारे नेता और मीडिया वाले नहीं पता कर पाए उनको किसी धर्म विशेष के त्यौहार में छूट देने का क्या मतलब है ? या तो आप यह बात सच में मानो कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता और उन्हें किसी भी धार्मिक त्यौहार या कार्यक्रम में छूट या संघर्ष विराम का लाभ न दो या फिर खुलकर कह दो कि हम आतंकवादियों के धर्म को जानते हैं और इसीलिए उस धर्म के हर त्यौहार में हम उनके साथ संघर्ष विराम करेंगे |

मौजूदा सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ शुरू से ही सख्त रुख अपनाया हुआ था और सेना को इन्हें मारने की खुली छूट दी हुई थी | उसके नतीजे में हमें आये दिन एनकाउंटर की खबरें आती ही रहतीं हैं | फिर अब क्या हुआ ? आखिर यह कौन सा नया सेकुलरिज्म का भूत भाजपा पर सवार हो गया है कि वो भी विपक्षी सेक्युलर जमात की तरह इस तरह के फैसले लेने लगे हैं ? क्या भाजपा नेताओं को सच में यह गलतफहमी हो गयी है कि वो यह फर्जी राजनैतिक सेकुलरिज्म और हिंदुत्व एक साथ लेकर चल सकते हैं और इस से उनको सफलता भी मिलेगी ? मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूँ और मैं भी सबका साथ और सबका विकास का पक्षधर हूँ परन्तु आतंकवादियों के साथ समझौते सेकुलरिज्म नहीं बल्कि अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना है | जब जम्मू कश्मीर में भाजपा ने पी. डी. पी. के साथ सरकार बनायीं थी तो उस समय मैंने भी इस फैसले का इस वजह से समर्थन किया था क्योंकि हम सभी जानते हैं कि कई ऐसे कारण हैं जिन वजह से वहाँ भाजपा का सत्ता में होना अत्यंत आवश्यक हो गया था | परन्तु अब इस सरकार को बचाये रखने की नियत से या वोटबैंक की राजनीति के चक्कर में कुछ ऐसे फैसले भाजपा करती जा रही है कि धीरे धीरे यह जम्मू में अपना जनाधार खो देगी और कश्मीर में तो वैसे भी भाजपा के पास कुछ है नहीं | परिणाम यही होंगे कि भाजपा वहाँ सत्ता से अगली बार बाहर भी हो सकती है | सब से पहले तो जम्मू और उस के आस पास के इलाकों में रोहिंग्या मुसलमानों के जमावड़े पर चुप्पी, इस चुप्पी का जम्मू में काफी विरोध भी हो रहा है | और भाजपा की यह चुप्पी सिर्फ चुप्पी नहीं बल्कि उस की महामूर्खता भी है क्योंकि एक तो रोहिंग्या मुसलमानों का इतिहास हमें पता ही है कि किस तरह वो इस देश की एकता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं और दूसरा भाजपा को इस से कोई फायदा भी नहीं है क्योंकि ये लोग वोटर बनते ही भाजपा के उन विरोधियों को ही वोट देंगे जो इनके लिए आये दिन छाती पीटते रहते हैं और एक अन्य बड़ा नुकसान यह भी है कि रोहिंग्या मुसलमानों के इस जमावड़े की वजह से जम्मू का अन्य वोटर भाजपा से नाराज हो रहा है | कुल मिलाकर सेकुलरिज्म के इस दिखावे से देश और भाजपा दोनों को नुकसान ही नुकसान है | अब यही कम था क्या जो अब यह नया संघर्ष विराम का नाटक शुरू हो गया | आखिर अगर आप भी सेकुलरिज्म और वोटबैंक की राजनीति के लिए यदि गलत को सही बोलने लगोगे तो फिर आप में और दूसरों में अंतर क्या है ? राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाला न तो रोहिंग्या मुसलमानों को देश में रहने देता और न ही आतंकियों के साथ किसी संघर्ष विराम की बात करता | अब या तो भाजपा साफ कह दे कि वो भी सेक्युलर हो गयी है और उस के समर्थक उस से ज्यादा कुछ उम्मीदें न रखें या फिर सुधर जाये | पुरानी कहावत है कि आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी मिले न पूरी पावे | कहीं नया वोटबनाक साधने के चक्कर में पुराने वोटबैंक से भी हाथ न धोना पड़ जाये |

खैर अब तो फैसला हो गया और उसका ऐलान भी हो गया और यह पक्का है कि यह फैसला वापस नहीं लिया जायेगा | उम्मीद करते हैं कि इस तरह के फैसले आगे न आएं | भाजपा को याद रखना चाहिए कि यह जनता है, सब देखती है और चुनाव भी हर पाँच साल में होते ही हैं तो राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं है, समय और सत्ता बदलती रहती है | वोटबैंक की राजनीति के चक्कर में आप भी अगर देशविरोधी फैसले लेने लगेंगे तो फिर आपका एक बहुत बड़ा वोटबैंक आपके हाथ से निकल जायेगा |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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