Friday, March 29, 2024
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एन आई टी – राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों को कश्मीर से निकालने का एक और षड्यंत्र ?

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मेरे एक मित्र ने फेसबुक पर इस पूरे मामले में अपनी राय रखते हुए एक षड्यंत्र की सम्भावना का जिक्र किया था | उनकी राय को पढ़ने के बाद मेरे मन में भी जो विचार आये वो मैं यहाँ लिख रहा हूँ |

एन आई टी मामले में कुछ अजीब चीजें हुईं जिन पर मेरा ध्यान गया | भारत माता की जयकार के नारे लगने के बाद पहले गैर-कश्मीरी छात्रों पर पुलिसिया अत्याचार हुआ और फिर लड़कियों को बलात्कार एवं लड़कों को अन्य प्रताड़ना की धमकियां मिली और इस सब पर पत्रकारों एवं नेताओं का एक खास समूह पहले चुप रहा लेकिन जैसे ही इन गैर-कश्मीरी छात्रों ने कहा कि उनको एन आई टी श्रीनगर से कहीं और शिफ्ट किया जाये, ये पत्रकार एवं नेता अचानक से केंद्र सरकार से पूछने लगे कि अब तक इन छात्रों को वहां से सुरक्षित किसी दूसरे स्थान पर क्यों नहीं पहुँचाया गया |

ठीक इसी तरह की रणनीति कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को निकालने के लिए अपनाई गयी थी | पहले कश्मीरी पंडितों पर इतना ज्यादा अत्याचार किया गया कि वो परेशान हो जाएं और फिर उनको कश्मीर में ही उचित सुरक्षा देने की जगह रेस्क्यू ऑपरेशन और न जाने क्या क्या नाम से कश्मीर से बाहर भेज दिया गया | इस का कश्मीर पर क्या असर हुआ ये आप सभी देख ही रहे हैं |

अब यदि यही उपाय इन गैर-कश्मीरी छात्रों की समस्या का भी किया गया तो इस का परिणाम ये होगा कि कश्मीर में भारत का समर्थन करने वाले छात्र कश्मीर से बाहर जाएं और कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान परस्त लोग बहुमत में आते जाएं | कश्मीर के अलगाववादी नेता एवं पाकिस्तान यही तो चाहते हैं |

वैसे स्थानीय पुलिस को कॉलेज से हटाकर कॉलेज में राष्ट्रवादी सुरक्षा दस्ते की तैनाती का जो कदम केंद्र सरकार ने उठाया उस से तो लगता है कि अलगाववादियों कि यह चाल केंद्र सरकार अच्छे से समझ रही है और इस चाल को कामयाब न होने देने के लिए काम भी कर रही है | उम्मीद करता हूँ कि आगे भी इस बात का पूरा ध्यान रखा जायेगा कि इस समस्या का परिणाम कहीं कश्मीरी पंडितों जैसा न हो |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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