Friday, April 19, 2024
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यदि सुरक्षा का मतलब दंगे, देशद्रोह और आतंकवाद की आजादी है तो यह आजादी नहीं दी जा सकती

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सबसे पहले तो हामिद अंसारी जी खुलकर देश को यह बताएं कि वो ऐसे कौन से अधिकार हैं जो कि मुसलमानों को मिल जाएं तो हामिद अंसारी और ओवैसी जैसे लोग इस देश में सुरक्षित महसूस करने लगेंगे | यदि आजादी का मतलब यह है कि व्यक्ति को देश के संविधान और कानून का पालन करते हुए सुख चैन से जीने की आजादी होनी चाहिए तो वो आजादी देश के अधिकांश हिस्सों में जितनी अन्य धर्मों की जनता के पास है उतनी मुसलमानों के पास भी है और कुछ हिस्से तो ऐसे भी हैं जहाँ मुसलमानों जितनी आजादी तो किसी भी और धर्म के पास नहीं है | इस देश में जितनी धार्मिक आजादी मुसलमानों के पास है उतनी तो किसी भी और देश में अल्पसंख्यकों को नहीं दी गयी है |

खास तौर पर यदि इस्लामिक देशों की बात की जाये तो ऊल जलूल आजादी की मांग छोड़िये, वहां किसी अल्पसंख्यक को स्वाभिमान के साथ जीने के लिए आवश्यक अपने अधिकार खुलकर मांगने का भी हक नहीं दिया गया है | क्या किसी इस्लामिक देश में कोई अल्पसंख्यक यह कह सकता है कि वो उस देश के झंडे के आगे सर नहीं झुकायेगा, या उस देश की जय नहीं बोलेगा या उसे अपना कोई धार्मिक कानून चाहिए ? क्या किसी भी इस्लामिक देश के अल्पसंख्यक के पास उस देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के बारे में अपशब्द बोलने की आजादी है ? क्या किसी भी इस्लामिक देश के संविधान में अल्पसंख्यकों को कोई विशेष धार्मिक कानून के जरिये विशेष आजादी दी गयी है ? यह सब और ऐसी कई अन्य तरह की आजादी भारत के अलावा किसी भी देश के अल्पसंख्यकों के पास नहीं हैं | फिर भी कई ऐसे जुमले हैं जिनका प्रयोग करके कई मुस्लिम नेता और सेक्युलर जमात मुसलमानों के लिए किसी विशेष आजादी की मांग करते रहते हैं और बहुसंख्यक हिन्दुओं को और हिन्दू नेताओं को बुरा बोलते रहते हैं |

इस देश में कई ऐसे राज्य हैं और कई ऐसी सरकारें रहीं हैं जहाँ इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ सिर्फ कुछ टिप्पणी करने वाले हिन्दुओं को जेल में डाल दिया गया या मार दिया गया लेकिन वहीँ हिन्दुओं पर जानलेवा हमले तक करने वाले मुसलमानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई | कई तो ऐसे केस भी रहे कि सिर्फ हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े होने की वजह से लोगों को सरे आम मार दिया गया | आज भी खास तौर से प. बंगाल और केरल से आये दिन ऐसी कोई न कोई खबर आती ही रहती है | कश्मीर में एक मुस्लिम अफसर को मस्जिद के बाहर सिर्फ इसी गलतफहमी में पीट पीटकर मार दिया गया क्योंकि उसके नाम में पंडित शब्द था और मारने वाले लोग उसे हिन्दू समझ बैठे थे | ऐसे राज्यों और सरकारों के खिलाफ न तो हामिद अंसारी बोले न ओवैसी और ने ही इस्लाम के कोई दूसरे स्वघोषित ठेकेदार |

मुस्लिम त्योहारों और मुस्लिम बस्तियों के आसपास कई जगह मंदिरों की घंटियां बजाने और लाउड स्पीकर पर भजन बजाने से लोगों को तकलीफ हो जाती है लेकिन अन्य धर्मों के लोगों से यह मांग की जाती है कि आप हमारी अजान साल भर सुनें और उसका विरोध न करें | अगर किसी ने विरोध कर दिया तो तुरंत इस्लाम खतरे में आ जाता है | हिन्दुओं से यह उम्मीद की जाती है कि वो टोपी पहनें, इफ्तार पार्टी में जाएं, मुसलमानों के साथ बैठकर नमाज पढ़ें, मुसलमानों की हर सही-गलत बात पर हाँ में हाँ मिलाएं लेकिन यदि किसी मुस्लमान ने गलती से भी किसी हिन्दू देवी देवता का सम्मान कर दिया तो उसके खिलाफ फतवे जारी कर दिए जाते हैं | अभी बिहार में एक मुस्लिम विधायक ने जय श्री राम कह दिया तो उसके खिलाफ फतवे जारी हो गए | हिन्दू इस्लामिक मान्यताओं का आदर करें लेकिन मुसलमानों से इतनी भी उम्मीद न करें कि वो उनकी पूज्यनीय गौ-माता का मांस खाना बंद कर दें | अगर किसी सरकार ने गौ-हत्या पर प्रतिबन्ध लगा दिया तो ऐसा माहौल बनाया जाने लगता है जैसे सारे मुसलमान गौ-मांस के बिना भूखे मर जायेंगे | एक मामूली बात पर नॉएडा में कई हजार मुसलमान एक सोसाइटी में घुसकर दंगे करते हैं तो उसके खिलाफ न तो हामिद अंसारी बोलते हैं न ओवैसी और न ही और कोई इस्लाम का अन्य स्वघोषित ठेकेदार कोई फतवे जारी करता है | कश्मीर के अलगाववादी धर्म के नाम पर युवाओं को भारत के खिलाफ बरगलाते हैं तो उनके खिलाफ भी कोई फतवा जारी नहीं होता | आतंकवाद के खिलाफ फतवे जारी नहीं होते | हमारे सेक्युलर नेता भी उन मामलों पर कुछ भी नहीं बोलते जहाँ आरोपी कोई मुसलमान हो लेकिन उन मामलों पर खुलकर बोलते हैं जहाँ आरोपी कोई हिन्दू हो | यहाँ तक कि कुछ सेक्युलर नेता तो आतंकवादियों तक के नाम जी और साहब लगाकर इज्जत के साथ लेते हुए दिखे | इस सब के बाद भी इस देश के अन्य धर्मों के लोग आपसे प्रेम और शांति के साथ रहना चाहते हैं पर सेक्युलर जमात को राजनैतिक फायदे के लिए असुरक्षा की बात बोलने में जरा भी शर्म नहीं आती |

आखिर हामिद अंसारी और ओवैसी जैसे लोगों को ऐसी कौन सी आजादी चाहिए जो कि मुसलमानों को नहीं मिल पा रही है ? यदि आजादी का मतलब यह है कि मुसलमान भारत का कानून नहीं मानेंगे और उनके लिए शरीयत का कानून लागू कर दिया जाये तो ऐसी आजादी उनको नहीं मिलने वाली | यदि आजादी का मतलब यह है कि उनको अन्य धर्मों के लोगों पर वैसे ही अत्याचार करने की आजादी मिल जाये जो कि इस्लामिक देशों के पास है तो वो भी उनको कम से कम भाजपा शाषित प्रदेशों में तो नहीं मिलने वाली | यदि आजादी का मतलब दंगे, देशद्रोह और आतंकवाद है तो ऐसी आजादी किसी को नहीं दी जा सकती चाहे वो किसी भी धर्म का हो |

इस्लाम के ऐसे स्वघोषित ठेकेदारों को अपनी गन्दी राजनीति छोड़कर थोड़ा उस गरीब मुसलमान की भलाई के बारे में भी सोचना चाहिए जिसे ऐसे लोग इस्लाम के नाम पर बरगला कर खुद बड़े बड़े नेता बन गए लेकिन वो आज भी कहीं किसी भीड़ में खड़ा इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगा रहा है और अपनी गरीबी से जूझ रहा है | लेकिन ऐसा ये लोग नहीं करेंगे क्योंकि अगर यह मुसलमान पढ़ लिख गया और इनकी असलियत समझ गया तो वो खुद ही इनको वोट देकर ताकतवर बनाना बंद कर देगा और इनकी राजनैतिक दूकान पर टाला पड़ जायेगा | अब यह इस देश के मुसलमानों को तय करना है कि वो ऐसे ठेकेदारों की बातों में आकर अपना समय और अपना भविष्य बर्बाद करेंगे या अन्य धर्मों को लोगों के साथ प्रेम से रहकर कंधे से कन्धा मिलाकर आगे बढ़ेंगे |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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